“हर तरफ हलचल मचा हुआ था । आकाश में कांच के टुकड़े बिखर गए थे।,” अवधेश कुमार नामक एक मजदूर ने गुरुवार को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली एमआईडीसी क्षेत्र में अमुदान केमिकल्स में एक बॉयलर विस्फोट के बाद यह बयान दिया।
“यह पांच सेकंड का ‘प्रलय’ था और सब कुछ खत्म हो गया।” इस तरह अवधेश कुमार ने ठाणे फैक्ट्री विस्फोट का वर्णन किया, जिसने 10 लोगों की जान ले ली और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। कुमार उस फैक्ट्री में काम करते थे जहां 23 मई को यह विस्फोट हुआ था।
उस फैक्ट्री के मजदूर ने बताया कि उसे एक “उड़ता हुआ 5-किलोग्राम का एंगल” पीठ पर लगा, जिससे भारी खून का बहाव और अत्यंत पीड़ा हुई । घटना के दौरान, कुमार ने मदद की कोशिश की, लेकिन सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे थे। “हर कोई जान बचाने के लिए परेशान था,” उन्होंने बताया।
विस्फोट के शक्तिशाली धमाके से फैक्ट्री में भारी नुकसान हुआ। “सब कुछ तहस-नहस हो गया, छत और पूरी फ़ैक्टरि का ढाँचा गिर गया । अब कुछ भी नहीं बचा है,” उन्होंने बताया। अधिकारियों के आधारित , धमाके और उसके बाद लगी आग ने आसपास की फैक्ट्रियों और घरों को भी हानि पहुंचाया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने दुर्घटना के बाद बताया की प्रभावित केमिकल फैक्ट्री में खाद्य रंगों को बनाया जाता था और इसमें पेरोक्साइड का उपयोग किया जाता था, जो कुछ परिस्थितियों में हिंसक और अस्थिर केमिकल विस्फोट कर सकते हैं।
शुक्रवार को पुलिस ने केमिकल फैक्ट्री के दो मालिकों को हिरासत में लिया, जिनमें एक ७० वर्षीय महिला भी शामिल है। प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के अनुसार, कंपनी ने केमिकल के मिश्रण, अंतिम उत्पादों और उनके भंडारण के लिए उचित सावधानी नहीं बरती थी, जिससे विस्फोट हो सकता था और कंपनी तथा आसपास की ढांचो को नुकसान पहुंच सकता था।